* नए मकान में निवास करने से पहले वास्तुशांति करवानी चाहिए। अपार्टमेंट या फ्लैट आदि में भी अगर बिल्डर ने वास्तुशांति करवा दी हो तो भी पूजा करवानी चाहिए।
* नए मकान में प्रवेश के समय रामरक्षा स्तोत्र, हनुमान चालिसा का पाठ करना चाहिए।
* घर के दरवाजों में बंद और खोलते समय आवाज नहीं होनी चाहिए।
* वास्तुशास्त्र के अनुसार धुले हुए कपड़े गंदे कपड़ों के साथ नहीं रखने चाहिए।
* लाल किताब के अनुसार वास्तु शनि का कारक है। शनि मकान बनवाता है तो उसे तुड़वाता भी है।
* वास्तु शास्त्र के अनुसार मकान की नींव खुदवाने से पहले शुभ मुहूर्त निकलवाना चाहिए।
* भूमिपूजन के समय घर की नींव में पंचरत्न से भरा कलश रखकर उस पर पांच पत्थर रखकर चुनवाई करानी चाहिए।
* वास्तुशास्त्र के अनुसार ऑटोमेटिक बंद होने वाले दरवाजे अशुभ होते हैं।
* घर के दरवाजे पर किसी न किसी प्रकार का चित्र लगाना चाहिए।
* घर का मुख्य द्वार बेहद अहम होता है इसलिए यह न ही ज्यादा मोटा ना ही ज्यादा पतला होना चाहिए।
* वास्तुशास्त्र के अनुसार आवासीय मकान और औद्यौगिक प्रतिष्ठानों के चारों तरह चारदीवारी होनी चाहिए।
* प्राचीन वास्तुशास्त्र के अनुसार मकान की उत्तर दिशा में अधिक खिड़कियां होने से परिवार में धन-धान्य की वृद्धि होती है।
* दो पल्लों की खिड़कियों को शुभ माना जाता है।
* बेडरूम की दीवारों का रंग सफेद, जामुनी, नीला या गुलाबी रखना चाहिए।
* बेडरुम की दीवारों का रंग लाल कभी नहीं करवाना चाहिए। यह अशुभ फल देने वाला माना जाता है।
* प्रेम विवाह के इच्छुक जातकों को बेडरुम की दीवारों पर पीला रंग करवाना चाहिए।
* बेडरुम में किचन या किचन अटैच नहीं होना चाहिए। साथ ही किचन में सोना भी नहीं चाहिए।
* ऑफिस में कर्मचारियों को उत्तर या पूर्व की तरफ बैठना चाहिए।
* तिजोरी को कभी भे शयनकक्ष या बैठक में नहीं रखना चाहिए।
* पश्चिम दिशा में मुंह करके भोजन करने से धन की प्राप्ति होती है।
* वास्तुशास्त्र के अनुसार अपार्टमेंट या फ्लैट आदि के घरों का द्वार भी पूर्व या पश्चिम दिशा में होना चाहिए।
* फ्लैटों में भी वास्तुनियमों का पालन अवश्य करना चाहिए। टॉयलेट पश्चिम तो किचन दक्षिण दिशा में होने चाहिए।
* अपार्टमेंट को लाल, काले या आसमानी रंग से नहीं रंगवाना चाहिए।

* घर के दरवाजों में बंद और खोलते समय आवाज नहीं होनी चाहिए।
* वास्तुशास्त्र के अनुसार धुले हुए कपड़े गंदे कपड़ों के साथ नहीं रखने चाहिए।
* लाल किताब के अनुसार वास्तु शनि का कारक है। शनि मकान बनवाता है तो उसे तुड़वाता भी है।
* वास्तु शास्त्र के अनुसार मकान की नींव खुदवाने से पहले शुभ मुहूर्त निकलवाना चाहिए।
* भूमिपूजन के समय घर की नींव में पंचरत्न से भरा कलश रखकर उस पर पांच पत्थर रखकर चुनवाई करानी चाहिए।
* वास्तुशास्त्र के अनुसार ऑटोमेटिक बंद होने वाले दरवाजे अशुभ होते हैं।
* घर के दरवाजे पर किसी न किसी प्रकार का चित्र लगाना चाहिए।
* घर का मुख्य द्वार बेहद अहम होता है इसलिए यह न ही ज्यादा मोटा ना ही ज्यादा पतला होना चाहिए।
* वास्तुशास्त्र के अनुसार आवासीय मकान और औद्यौगिक प्रतिष्ठानों के चारों तरह चारदीवारी होनी चाहिए।
* प्राचीन वास्तुशास्त्र के अनुसार मकान की उत्तर दिशा में अधिक खिड़कियां होने से परिवार में धन-धान्य की वृद्धि होती है।
* दो पल्लों की खिड़कियों को शुभ माना जाता है।
* बेडरूम की दीवारों का रंग सफेद, जामुनी, नीला या गुलाबी रखना चाहिए।
* बेडरुम की दीवारों का रंग लाल कभी नहीं करवाना चाहिए। यह अशुभ फल देने वाला माना जाता है।
* प्रेम विवाह के इच्छुक जातकों को बेडरुम की दीवारों पर पीला रंग करवाना चाहिए।
* बेडरुम में किचन या किचन अटैच नहीं होना चाहिए। साथ ही किचन में सोना भी नहीं चाहिए।
* ऑफिस में कर्मचारियों को उत्तर या पूर्व की तरफ बैठना चाहिए।
* तिजोरी को कभी भे शयनकक्ष या बैठक में नहीं रखना चाहिए।
* पश्चिम दिशा में मुंह करके भोजन करने से धन की प्राप्ति होती है।
* वास्तुशास्त्र के अनुसार अपार्टमेंट या फ्लैट आदि के घरों का द्वार भी पूर्व या पश्चिम दिशा में होना चाहिए।
* फ्लैटों में भी वास्तुनियमों का पालन अवश्य करना चाहिए। टॉयलेट पश्चिम तो किचन दक्षिण दिशा में होने चाहिए।
* अपार्टमेंट को लाल, काले या आसमानी रंग से नहीं रंगवाना चाहिए।
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