गुप्त नवरात्र (Gupt Navratri)

गुप्त नवरात्र के बारे में (Maagh Gupt Navratri) :

हमारे हिन्दू धर्म में  विशेष रूप से नवरात्री में मां दुर्गा की साधना करना बहुत ही  महत्त्वपूर्ण माना जाता है। यह भी मान्यता है कि,  जुलाई माह  (आषाढ़ और माघ मास के शुक्ल पक्ष) में पड़ने वाली नवरात्र को गुप्त नवरात्र कहा जाता है।  गुप्त नवरात्रि में किया गया कोई भी पूजा, साधना  कई गुना फल दायक होती  है। 

तंत्र साधना आदि सिद्धियों  के लिए भी गुप्त नवरात्र बेहद विशेष माने जाते हैं। आप भी जाने इस नवरात्रि के बारे में और पाए मनचाहा फल।

गुप्त नवरात्र पूजा विधि (Gupt Navratri Puja Vidhi in Hindi)

शास्त्रो के अनुसार  गुप्त नवरात्र के दौरान अन्य नवरात्रों की तरह ही पूजा करनी चाहिए। नौ दिनों के उपवास का उपवास रखना चाहिए और  संकल्प लेते हुए प्रतिप्रदा यानि पहले दिन घटस्थापना करनी चाहिए। इसके बाद  प्रतिदिन सुबह और सांय  के समय मां दुर्गा की पूजा करनी चाहिए। अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन के साथ-साथ नवरात्र व्रत का सही ढंग से उद्यापन करना चाहिए, यही मान्यता है। 

13 जुलाई - पहला नवरात्रा ओर घट स्थापना ( माँ शैलपुत्री पूजा )

14 जुलाई - दूसरा नवरात्रा ( माँ बरहमचारणी पूजा )

15 जुलाई - तीसरा नवरात्रा ( माँ चंद्रघंटा पूजा )

16 जुलाई - चौथा नवरात्रा ( माँ कुष्मांडा पूजा ) 

17 जुलाई - पांचवा नवरात्रा ( माँ स्कंदमाता पूजा ) 

18 जुलाई - छठा नवरात्र ( माँ कात्यानी पूजा ) 

19 जुलाई - सातवां नवरात्र ( माँ कालरात्रि पूजा ) 

20 जुलाई - आठवा नवरात्रा ( माँ गौरी पूजा दुर्गा अष्ठमी )

21 जुलाई - नोवा नवरात्रा ( माँ सिद्धिदात्री पूजा नवमी पूजन ) 

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